Lamheta Ghat Jabalpur मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित मां नर्मदा के किनारे स्थित एक सुंदर स्थल है जो प्राकृतिक सौंदर्य की अनगिनत कहानियों को समेटता है। आज हम इस Blog के माध्यम से Lamheta Ghat की सुंदरता और इसके इतिहास के बारे में कुछ बातें आपसे साझा करेंगे।
Lamheta Ghat Jabalpur शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहां पहुंचना सड़क से बहुत आसान है। लम्हेटा एक गाँव का नाम है। जो पवित्र नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। जैसा कि सभी नर्मदा घाटों को पवित्र स्थल के रूप में देखा जाता है।
Lamheta Ghat Jabalpur: एक ऐतिहासिक स्थल की कहानी
लम्हेटाघाट जो कि वास्तव में लम्हेटा के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा स्थल है, जहां इतिहास और प्राचीनता की गहरी खोज होती है। इस स्थान की महत्वपूर्णता ब्रिटिश इंडिया के काल में सामने आई जब सर विलियम हेनरी स्लीमन ने 1828 में इसे अपनी यात्रा का एक हिस्सा बनाया और अपनी किताब में ‘लम्हेटा गठन’ के बारे में बताया है जिसमें उन्होंने इस स्थल की सुंदरता और विशेषता को Note किया, जो आज भी हमें इस जगह की धारोहर की एक अद्भुत झलक प्रदान करता है।
उस समय की बातें हमें यह सिखाती हैं कि Lamheta Ghat Jabalpur एक समृद्धि भरे जीवन का केंद्र था। जहां ब्रिटिश गवर्नर ने अपनी खोजों के माध्यम से इस स्थान के महत्व को पहचाना। उन्होंने यहां डायनासोर काल के अंडों की खोज की, जिससे लम्हेटाघाट को एक ऐतिहासिक गाँव बना दिया गया।
British India के समय में गहरी खोज के बाद, आज भी यहां अनेक वैज्ञानिक और छात्र इस जगह की खोज और अध्ययन के लिए आते हैं। Lamheta Ghat Jabalpur के प्राचीन मंदिरों और इसके ऐतिहासिक संस्कृति का आभास हमें इस स्थान की महत्वपूर्णता से रूबरू कराता है।
आज के समय में, Lamheta Ghat की सुंदरता और ऐतिहासिकता दोनों ही वर्गों के लोगों को आकर्षित करता है। यहां के पवित्र नदी के किनारे बसा एक प्राचीन गाँव होने के कारण यह जगह सांस्कृतिक और धार्मिक भी है। इसके साथ ही, ब्रिटिश इंडिया के काल में हुई खोज ने इस स्थान को वैज्ञानिक समृद्धि का भी प्रतीक बना दिया है।
पूजा और आराधना का केंद्र:
Lamheta Ghat मैं स्थित नर्मदा माता का मंदिर यात्रीयों के लिए एक पवित्र स्थल है, जहां वे अपनी पूजा और अर्चना करते हैं। घाट के किनारे स्थित मंदिर ने इस स्थल को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बना दिया है।
Lamheta Ghat घाट के पास बने मंदिर 13वीं से 15वीं सदी के बीच बनाए गए थे। यहां बहुत प्राचीन मंदिर हैं, कलचुरी-गोंड शासकों के शासनकाल में बने। इनमें से तो ठीक-ठाक हैं जबकि कुछ मंदिर की देखभाल की कमी के कारण जर्जर हो गए हैं। उनमें से, एक सबसे प्रसिद्ध मंदिर है राधा-कृष्ण मंदिर। हम इसे Lamheta Ghat जाते समय देख सकते हैं।
“लम्हेटाघाट“ जबलपुर में स्थित मंदिर:
बियोहार वंश द्वारा बनाया गया 18वीं सदी का मंदिर, नर्मदा नदी के किनारे स्थित।
Lamheta Ghat Jabalpur पर स्थित इस मंदिर को बियोहार वंश ने 18वीं सदी में बनाया था, जो नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह लम्हेटाघाट पर स्थित महत्वपूर्ण शिव मंदिरों में से एक है।
- निर्माण काल: इस मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था, जिसका श्रेय बियोहार वंश को जाता है। यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है, जो इस जगह में स्थित है।
- सुरक्षा खतरे में: वृक्षों की वृद्धि के कारण मंदिर गिरावट के खतरे में है, और इसमें दरारें भी आ गई हैं। यह कभी भी गिर सकता है।
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समापन:
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