Madan Mahal Fort Jabalpur का एक ऐतिहासिक और प्राचीन किला है जो 11वीं सदी में बनाया गया था। यह किला शहर के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है और इसका निर्माण राजा मदन सिंह द्वारा किया गया था। मदन महल किला का इतिहास जबलपुर के राजा और रानीयों के शासनकाल को दर्शाता है, तो आई आज हम Jabalpur explore ब्लॉक के माध्यम से इस किले के इतिहास और इससे जुड़े रहस्य के बारे में जानते हैं।
Madan Mahal किले की विशेषताएं और इतिहास:
Madan Mahal Fort Jabalpur मध्य प्रदेश, का एक बहुत ही प्राचीन और महत्वपूर्ण स्थल है जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक को दर्शाता है। राजा मदन सिंह द्वारा 11वीं सदी में बनवाया गया यह किला, शासन के लिए लगभग 1100 ईसा पूर्व तक रहा है। और यह गोंडवाना राजवंश के शासकों के आदर्श और वीरता का प्रतीक है।इस किले को सुंदर ग्रेनाइट चट्टानों से बनाया हुआ है जो एक पहाड़ी पर जमीन से लगभग 500 मीटर की ऊंचाई पर है यहां से जबलपुर शहर का पूरा दृश्य देखा जा सकता है, मदन महल किला ने गोंडवाना राजवंश के कई शासकों की शक्ति और सुख-शांति का केंद्र बनाया था। इसकी ऊंचाई से जबलपुर शहर का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
इस किले की ऊचाई से हर कोने की रक्षा की जा सकती थी और इसमें विभिन्न कमरे, तालाब, हैं जो इसके ऐतिहासिक महत्व को और बढ़ाते हैं।
गोंड राजा संग्राम शाह और रानी दुर्गावती ने भी इस किले को अपने राज्य का केंद्र बनाया था। इसकी ऊचाई के कारण, किले से आसानी से दुश्मनों की गतिविधियों का पता किया जा सकता था। वर्तमान में, इसे ‘मदन महल का किला’ और ‘रानी दुर्गावती का किला’ भी कहा जाता है।
जबलपुर में स्थित Madan Mahal Fort Jabalpur के नजदीकी रेल्वे स्टेशन का नाम भी इस प्राचीन धरोहर के नाम पर रखा गया है उसे स्टेशन का नाम “मदन महल स्टेशन” है।
मदन महल किले के रहस्य:
मदन महल किले के अंदर अनेक कमरे, घोड़ों का अस्तबल, और एक तालाब हैं। इसमें कई सुरंगों का निर्माण किया गया था जो किले को अन्य स्थानों से जोड़ते थे। कहा जाता है कि यहाँ से निकलने वाली एक सुरंग मंडला के किले में खुलती थी।
किले का निर्माण ग्रेनाइट की चट्टानों से हुआ था और यह समय के साथ धीरे-धीरे जर्जर हो रहा है। यह किला आज खंडहर में तब्दील हो चुका है फिर भी यहां आप शाही परिवार का मुख्य कक्ष, युद्ध कक्ष, छोटा सा तालाब और अस्तबल देख सकते हैं। वर्तमान में, इसे पुरातत्व विभाग द्वारा धाराप्रवाहित किया जा रहा है और यहाँ के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए पर्यटकों को अवसर मिलता है।
शारदा मंदिर:
किले के पास ही शारदा मंदिर है, जहां रानी दुर्गावती पूजा करती थीं। लोगों का कहना है कि यहां दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यहां सावन मास में माता के मंदिर में हर एक सोमवार को मेला लगता है और पूरे जबलपुर से यहां पर श्रद्धालु आते हैं और झंडा चढ़ाते हैं।
सही समय पर यात्रा: किले की यात्रा को सुबह या शाम का समय चुनना अच्छा रहता है, जब आप शांति और सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
Madan Mahal Fort Jabalpur कैसे पहुंचे:
हवाई यात्रा:जबलपुर के पास अन्तर्राष्ट्रीय Dumna हवाई अड्डा भी है, तो आप विमान से यहां पहुंच सकते हैं।
रेलवे यात्रा:जबलपुर के रेलवे स्टेशन से यहां ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं। आप अपनी रेलवे स्टेशन से जबलपुर जा सकते हैं और फिर यहां से आगे की योजना बना सकते हैं।
बस से:जबलपुर तक सड़कों के माध्यम से पहुंचने के लिए आप अपने Area के बस स्टैंड से बस सेवाएं चेक कर सकते हैं जो जबलपुर को कवर करती हैं।
सड़क यात्रा:अगर आपके पास अपना वाहन है, तो जबलपुर तक आप सड़कों का उपयोग कर सकते हैं। नागपुर, भोपाल, रायपुर से जबलपुर तक वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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समापन:
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