Pithera Fort Narsingpur – पिथेरा किला नरसिंगपुर

Pithera Fort Narsingpur का गर्व माना जाता है, पिथेरा किला मध्य प्रदेश के नरसिंगपुर जिले में स्थित है। किला का निर्माण 16-17वीं सदी में गोंड शासक राजा बलवंत सिंह ने अपने साम्राज्य को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए इसके लिए का निर्माण कराया था। उस समय, इस किले का महत्वपूर्ण भूमिका थी। राजा बलवंत सिंह उसे समय 184 गांव के राजा थे।

पिथेरा किला एक प्राचीन किला है यह किला लगभग तीन मंजिला में बनाया गया था। वर्तमान में किले का मुख्य दरवाजा ध्वस्त हो गया है, किले के अंदर की दीवारें और कमरे लगभग खंडहर हो चुके हैं लेकिन इसकी भव्यता को अभी भी महसूस किया जा सकता है।

Pithera Fort Narsingpur (पिथेरा किला) की विशेषताएँ एवं इतिहास

Pithera Fort Narsingpur से लगभग 26 किलोमीटर दूर पिथेरा गांव में स्थित है इसका नाम गांव के नाम पर रखा गया है यह गोंड वंश की राजधानी सिंगौरगढ़ और चौरागढ़ किले के बीचों बीच बनाया गया था। इस किले का निर्माण 16-17वीं सदी में गोंड शासक राजा बलवंत सिंह ने करवाया था। यह किला लगभग तीन मंजिला में बनाया गया था। इस किले का निर्माण ईंटों और पत्थरों से किया गया है, जो इसकी दीवारों की मजबूती को दर्शाता है। यह किला अपने शासनकाल में अपनी सत्ता और शान का प्रतीक माना जाता था। यह किला गोंड राजवंश के शासकों की महानता का प्रतीक है और उनकी शौर्य गाथाओं को दर्शाता है।

पिथेरा किला नरसिंगपुर का एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है जो इतिहास, सांस्कृतिक और वास्तुकला प्रेमियों को आकर्षित करता है। यहाँ आने वाले लोग किले की सुंदरता का आनंद लेते हैं, और उन्हें गोंड साम्राज्य के राजाों की वीरता और शौर्य की कहानियाँ सुनने का मौका मिलता है।

पिथेरा किले के पास दो प्राचीन मंदिर हैं, जो नर्मदा के किनारे स्थित हैं। ये मंदिर शिव और गवुड़ा को समर्पित हैं आज, पिथेरा किला लोगो के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है और यह उन्हें गोंड शासकों के समय की संस्कृति और इतिहास का एक सुंदर अनुभव प्रदान करता है। इसके इतिहास और वास्तुकला को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं

संरक्षित स्मारक

मध्य प्रदेश के नरसिंगपुर जिले में स्थित Pithera Fort Narsingpur की एक महत्वपूर्ण स्मारक है, जिसे म.प्र. पुरातत्व विभाग की देख रेख में रखा जाता है। यहां पर पुरातत्व विभाग का नोटिस बोर्ड भी लगाया गया है 1964 में, पुरातत्व विभाग ने इसे प्राचीन स्मारक पुरातत्वीय स्थल सुरक्षा के रूप में घोषित किया। यदि कोई भी इस स्मारक को क्षति पहुंचाना नष्ट करना खतरे में डालता या दुरुपयोग करते हुए पाया जाता है तो उसे इस एक वर्ष तक का कारावास या रुपए 10000 जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है

पिथेरा किला के आसपास की सीमा से 100 मीटर तथा इसके आगे 200 मीटर तक के क्षेत्र को निर्माण कार्य के लिए प्रतिबंधित किया गया है इन क्षेत्रों में खनन और निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित किया गया है ताकि स्मारकों की सुरक्षा हमेशा बनी रहे। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के परिवर्तन और नवीनीकरण के लिए संचालक आयुक्त पुरातत्व अभिलेख और संग्रहालय मध्य प्रदेश से पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है।

पिथेरा किला नरसिंगपुर की एक महत्वपूर्ण जगह है, हमें इसे संरक्षित रखने और आने वाली पीढ़ियों को इसके ऐतिहासिक विरासत का आनंद लेने का मौका देने के लिए संकल्पित रहना चाहिए।

समापन:

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