भारत में कई प्राचीन किले है जो अपने इतिहास और रहस्यमय कहानियों के लिए प्रसिद्ध है, उनमें से ही एक किला है Raisen Fort (रायसेन किला) जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर दूर रायसेन जिले की एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है यह बहुत प्राचीन किला है एवं रहस्यमय कहानियों से भरा हुआ है।
रायसेन किले के रहस्य ने लोगों को हमेशा अपनी ओर आकर्षित किया है। इसके बारे में एक बहुत रहस्यमय कहानी है, जिसमें कहा जाता है कि किले के राजा ने अपनी ही रानी का सिर काट दिया था। इस घटना के पीछे कई रहस्य और अनजाने सच छिपे हुए हैं, जो इस किले को एक रहस्यमय स्थल बनाते हैं। आज हम इस लिए किले के इतिहास, विशेषताएं एवं रहस्यमय कहानियों के बारे में जानेंगे।
Raisen Fort – रायसेन किला का इतिहास एवं विशेषताएं
भारत में राजाओं के कई किले हैं, जो अपने इतिहास महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। हर किले का अपना विशेष महत्व और इतिहास होता है, जिससे हमें उस समय की जीवनशैली का पता चलता है। उनमें से ही एक है। रायसेन किला, जिसका निर्माण 1200 ईसवी में हुआ था, यहाँ किला लगभग 800 साल पुराना है और इस किले में 9 प्रवेश द्वार और 13 टॉवर हैं, जो किले की शानदार बनावट को दर्शाते हैं। यह किला शहर की पहाड़ी पर स्थित है और अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। रायसेन किला दो धर्मों की समानता को दर्शाता है।
इस किले के भीतर एक हिंदू मंदिर और एक मुस्लिम मस्जिद है इसकी भव्य दीवारें और भवन आज भी सुरक्षित हैं। जो किले के महत्व और गौरव को और भी बढ़ते है। प्राचीन काल में, इन किलों का निर्माण दुश्मनों के हमलों से बचने के लिए किया गया था।
राजा ने क्यों अपनी पत्नी का कांटा सिर
रायसेन किला की एक रोमांचक कहानी है जिसमें मुगल साम्राज्य शेरशाह सूरी ने इसे जीतने के लिए अपनी एड़ी चोटी का दाम लगा दिया था शेरशाह चार महीने घेराबंदी करने के बाद भी यह किला नहीं जीत पाया था। तब उन्होंने तांबे के सिक्कों को गलवाकर तोपें बनवाईं थीं, जिनसे उन्हें किले को जीतने में मदद मिली। बहुत कोशिशें के बाद 1543 ईसवी में शेरशाह ने इस किले को जीता था, हालांकि इस जीत के पीछे धोखे का सहारा लिया गया था। जब इस धोखे का पता राजा को चला तो उसने दुश्मनों से अपनी पत्नी रानी रत्नावली को बचाने के लिए उनका सिर खुद ही काट दिया था। यह बहुत ही दुखद घटना थी जो लोगों के बीच हमेशा चर्चा में बनी रहती है।
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जिन्न करता है जादुई पत्थर की रक्षा
भारतीय इतिहास में कई ऐसे किले हैं जिनकी कहानियाँ रहस्य से भरी होती हैं। उनमें से एक है भोपाल का राजसेन किला, जिसके बारे में एक कहानी बहुत प्रसिद्ध है। इस किले के बारे में कहा जाता है कि यहाँ पर एक जादुई पत्थर था, जिसे पारस पत्थर कहां जाता था जिसमें लोहे को सोना बनाने की शक्ति थी।
इस पत्थर को लेकर अनेक युद्ध हुए, कई राजाओं ने इसे छीनने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी इस कार्य में सफल नहीं हो सका आखिरकार, राजा ने यह निर्णय लिया कि इस पत्थर की रक्षा करने के लिए सर्वोच्च कदम उठाना होगा। उन्होंने पत्थर को किले के एक गहरे तालाब में फेंक दिया, जो उस समय तक कोई नहीं जानता था। इसके बाद, राजसेन की मृत्यु हो गई और पत्थर का रहस्य उसके साथ ही अंत हो गया।
राजा की मृत्यु के बाद अनेक लोग पारस पत्थर की खोज में निकलते हैं, इस उम्मीद में कि वह इस पत्थर को पा लेंगे और धन, सम्मान और सफलता की बारिश मिलेगी। लेकिन उनके हमेशा निराशा ही मिली है। कहा जाता है लोगों का यहां भी कहना है कि पारस पत्थर की रक्षा एक जिन्न करता है।
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पर्यटन स्थल
यह किला ऐसे ही रहस्यमा कहानियों से भरा हुआ है परंतु आप यहां अपनी फैमिली और फ्रेंड के साथ जाकर इस किले के आसपास का सुंदर वातावरण और बेहद सुंदर आर्किटेक्चर का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
आज, रायसेन किला भोपाल का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ आने वाले पर्यटक किले की शानदार वास्तुकला, इतिहास, और रहस्यमय कहानियों का आनंद लेते हैं। किले के आस-पास कई अन्य पर्यटन स्थल भी हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
घूमने का समय – सुबह 10:00 से शाम के 5:00 बजे तक
टिकट शुल्क – Free (मुफ्त)
समापन:
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